जब कोई भी इलेक्ट्रिक डिवाइस जैसे की Computer या स्मार्टफोन सुचारू रूप से चलने के लिए किसी प्रोग्राम का सहारा लेता है उसे Operating System यानी कि OS कहते हैं। हालांकि हर एक डिवाइस का अपना एक अलग OS होता है जो कि अलग तरीके से कार्य करता है।
इसके साथ ही अगर आप ऑपरेटिंग सिस्टम को समझना चाहते हैं तो आसान शब्दों में Oeprating System किसी भी Electric Device को कार्य करने में मदद करता है। बिना किसी ऑपरेटिंग सिस्टम के कोई भी Electric डिवाइस कार्य नहीं कर पाएगा। किसी भी लेकिन डिवाइस को चलने के लिए कुछ Command की जरूरत होती है जो कि Operating System पूरी करता है।
आसान शब्दों में Operating System को समझने के लिए आपको इस आर्टिकल को पूरा पढ़ना पड़ेगा। ऑपरेटिंग सिस्टम Software का एक समय होता है जो कि पूर्ण रूप से किसी डिवाइस को नियंत्रित करता है। इसके साथ ही ऑपरेटिंग सिस्टम को सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर के बीच का घटक भी बताया गया है। अब आप OS के बारे में तो जान गए होंगे आइए जानते हैं की कैसे करता है।
Operating System कार्य कैसे करता है?
ऑपरेटिंग सिस्टम कार्य कैसे करता है इसको जानने के लिए आपको हमारे द्वारा दिया गया यह उदाहरण समझना होगा। उदाहरण के लिए अगर आप किसी Web Series को देख रहे हैं लेकिन अचानक से आपको वेब सीरीज रोकनी पड़ती है। तो उसके लिए आप जो सबसे पहले कार्य करोगे वह Pause बटन दबाओगे। लेकिन जब आप Pause बटन से Input दोगे तो वह इनपुट डायरेक्ट सॉफ्टवेयर की मदद से उस वेब सीरीज को रोकेगा।
उसके बाद जवाब फिर से Play बटन दबाओगे तो वह वेब सीरीज चलनी शुरू हो जाएगी। लेकिन प्ले बटन दबाने के बाद जिन रिसोर्स की वजह से उस वेब सीरीज को चलना पड़ा वह सब कार्य आपके OS या Software द्वारा किया गया। इसके साथ ही आप जितनी भी Command अपने द्वारा देते हो और जब वह पूर्ण होती है तो वह सब ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा ही कंप्लीट की जाती है। आसान शब्दों में आप इस तरह से ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य को समझ सकते हैं।
Operating System कितने प्रकार का होता है?
ऑपरेटिंग सिस्टम मुख्य तौर पर 4 प्रकार का होता है। तो आइए जानते हैं कि वह कौन से चार प्रकार ऑपरेटिंग सिस्टम के होते हैं तथा किस तरह के कार्य करते हैं।
1. BPOS
सबसे पहले नंबर पर जो ऑपरेटिंग सिस्टम आता है उसे Batch Processing Operating System के नाम से जाना जाता है। जैसा कि आप इस के नाम से समझ जाते हैं कि यह बैच में किसी भी कमांड को कंप्लीट करता है।
2. TSOS
दूसरे नंबर पर जो ऑपरेटिंग सिस्टम आता है उसे Time Sharing Operating System के नाम से जाना जाता है। इस ऑपरेटिंग सिस्टम के माध्यम से मल्टीपल यूजर Multiple कार्य एक टाइम पर कर सकते हैं।
3. DOS
तीसरे नंबर पर आने वाले इस ऑपरेटिंग सिस्टम को डिस्ट्रीब्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम कहा जाता है। यह एक नेटवर्क की तरह कार्य करता है तथा आपस में कंप्यूटर्स को जोड़ता है।
4. MOS
चौथे नंबर पर आने वाले इस ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार को मल्टी प्रोसेसर ऑपरेटिंग सिस्टम के नाम से जाना जाता है। इसके माध्यम से बहुत सारे मल्टीपल टास्क सिर्फ एक ही समय में हो जाते हैं। इसका प्रयोग मुख्य रूप से सुपरकंप्यूटर्स में किया जाता है। नॉर्मल कंप्यूटर में इस ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग बहुत ही कम देखने को मिलता है।
इसके बावजूद भी कई ऑपरेटिंग सिस्टम मौजूद हैं जो कि आपके सामान्य जीवन शैली में आपको दिखाई देंगे। लेकिन हमने आपको टॉप फॉर ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में बताया है हालांकि बाकी सभी ऑपरेटिंग सिस्टम को हमने नीचे सूचीबद्ध जरूर किया है।
इसके बाद Network Operating System, Real Time Oeprating System, Embedded Operating System इत्यादि।
ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य क्या है?
OS मुख्य रूप से नीचे दिए गए निम्न कार्यों को करता है।
- Memory Management
- CPU Management
- File Management
- Device Management
- Play Mediator’s Role
- Imporove Performance
- Secure System
- Job Accounting
- Error Detection
- GUI
OS से संबंधित प्रश्न
Microsoft Windows, Google’s Android OS, Apple iOS, Apple macOS, Linux Operating System.
निष्कर्ष
इस तरह से इस आर्टिकल में हमने ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में कंप्लीट जानकारी यूजर उसको दी है। इस आर्टिकल में हमने बताया कि ऑपरेटिंग सिस्टम क्या होता है?, वह कैसे कार्य करता है तथा किस लिए वह कार्य करता है इसके साथ ही हमने टॉप ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में भी बताया है।
अगर अभी भी आपको ऑपरेटिंग सिस्टम से संबंधित कुछ समस्या आती है तो आप हमें नीचे कमेंट कर सकते हैं। इसके साथ ही आप हमारे युटुब चैनल हिंदी से को भी फॉलो कर सकते हैं। वही आप हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज युटुब चैनल को भी सब्सक्राइब कर सकते हैं।