पेनड्राइव क्या है? यह कैसे काम करता है तथा इसके फायदे

आज के समय में इंटरनेट और मशीन ने कितना ज्यादा विकास कर दिया है या तो आप जानते ही होंगे। लेकिन क्या आपको पता है कि पहले एक जमाना ऐसा हुआ करता था जब किसी भी डाटा को स्टार्ट करने के लिए फ्लॉपी डिस्क या फिर किसी अन्य डिस्क का प्रयोग किया जाता था। यही नहीं एक फ्लॉपी डिस्क सामान्यतः 2MB से लेकर 4MB तक का डाटा ही स्टोर कर सकती थी।

इस प्रकार आप अंदाजा लगा सकते थे कि अगर बड़ा डाटा शेयर करना हो तो वह कितना ज्यादा मुश्किल होता था। लेकिन आज के समय में पेनड्राइव ने वह काम काफी ज्यादा आसान बना दिया है। अब आप आसानी से किसी भी डाटा को पेन ड्राइव में स्टोर कर सकते हैं। यही नहीं अगर पेनड्राइव क्षमता 200GB है तो आप 200GB तक का डाटा आसानी से स्टोर कर लोगे।

लेकिन अधिकतर लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें कंप्यूटर से संबंधित या उसके डिवाइस से संबंधित कोई भी जानकारी नहीं होती है। अधिकतर लोग ऐसे होते हैं जिन्हें पेनड्राइव का पता भी नहीं होता है। उनका पेनड्राइव से अर्थ किसी पेन से होता है लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है हम आपको बताने वाले हैं कि पेनड्राइव क्या है और पेन ड्राइव कैसे कार्य करता है।

इसके साथ ही पेनड्राइव के फायदे क्या है वह भी हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले हैं। इस आर्टिकल में पेनड्राइव से संबंधित सभी जानकारी आपको विस्तार पूर्वक बताई जाएगी इसलिए आर्टिकल को कंप्लीट फॉलो करें।

पेनड्राइव क्या है?

एक जमाना हुआ करता था जब डाटा को स्टोर करने के लिए लोगों को काफी बड़ी बड़ी हार्ड डिस्क खरीदनी पड़ती थी। यही नहीं आपको एक अच्छा मेमोरी कार्ड भी खरीदना होता था। लेकिन जैसे जैसे टेक्नोलॉजी बड़ी वैसे वैसे आप डाटा को स्टार्ट करने के लिए अलग-अलग उपकरणों का प्रयोग किया जाने लगा है। आज काफी ज्यादा फेमस है और इसका इस्तेमाल लगभग सभी लोग करते हैं। लेकिन अधिकतर लोग के बारे में नहीं जानते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पेनड्राइव एक ऐसा उपकरण है जिसकी सहायता से डाटा को आसानी से स्टोर किया जा सकता है।

इसके साथ ही इस पेन ड्राइव डाटा को ट्रांसफर करने की काफी बढ़िया स्पीड देता है जिसकी वजह से आसानी से डाटा को ट्रांसफर भी किया जाता है। पेनड्राइव की सहायता से आप आसानी से कोई भी संगीत फिल्म या फिर अन्य डॉक्यूमेंट अपने पास छोड़ कर के रख सकते हैं। इसके साथ ही जब आप उसे किसी अन्य कंप्यूटर के साथ कनेक्ट करते हैं तो वहां पर वह डेट आपको आसानी से शुरू होने लगेगा। इस प्रकार पेन ड्राइव डाटा को स्टोर करने के लिए काफी ज्यादा प्रयोग में लाया जाता है। आज के समय में पेन ड्राइव के मॉडर्न नाम हो चुके हैं यहां तक कि पेनड्राइव को यूएसबी फ्लैश ड्राइव तथा यूएसबी ड्राइव के नाम से भी जाना जाता है।

अगर पेनड्राइव की फिजिकल अपीरियंस की बात करें तो यह देखने में काफी ज्यादा छोटा होता है। इसके साथ ही इसमें एक साइड यूएसबी पॉइंट होता है जिसकी वजह से आप इसे आसानी से कंप्यूटर के साथ कनेक्ट कर सकते हैं। वहीं इसके अंदर एक स्टोरेज चिप लगी होती है जो कि आसानी से डाटा को अपने अंदर स्टोर करके रख सकती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एक पेन ड्राइव 8GB या फिर 4GB से लेकर करीब 512gb तक का डाटा स्टोर कर सकता है।

पेनड्राइव के प्रकार व जनरेशन

USB Type A: यूएसबी टाइप ए पेनड्राइव का काफी कॉमन प्रकार है और इसका इस्तेमाल काफी समय से किया जा रहा है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह काफी ज्यादा सस्ता होता है और उसके अंदर आप आसानी से डाटा को स्टार्ट कर सकते हैं। यह काफी ज्यादा खरीदा जाता है क्योंकि यह काफी कॉमनली उपलब्ध होता है।

USB Type C: यूएसबी टाइप सी पेन ड्राइव का वह प्रकार है जिसका इस्तेमाल सबसे ज्यादा कंप्यूटर व स्मार्टफोन में किया जाता है। क्योंकि आसानी से स्मार्टफोन के बोर्ड के साथ कनेक्ट हो जाता है यह टाइप सी का होता है। जिसकी वजह से या आसानी से कंप्यूटर के साथ भी कनेक्ट होने में दिक्कत नहीं करता है। हालांकि यह लोगों द्वारा काफी ज्यादा खरीदा जाता है और इसकी डाटा स्टोरेज करने की क्षमता भी काफी ज्यादा होती है।

USB Micro B: पेनड्राइव का यह प्रकार मुख्य रूप से स्मार्टफोन के लिए बनाया गया है। इसका इस्तेमाल आमतौर पर स्मार्टफोन में ही किया जाता है। इसे किसी अन्य डिजिटल डिवाइस के साथ कनेक्ट नहीं किया जा सकता है। यह काफी ज्यादा कम खरीदा जाता है और उसकी डाटा स्टोरेज क्षमता भी ठीक-ठाक है।

Multi USB Pendrive: अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि इसे मल्टी यूएसबी पेनड्राइव क्यों कहते हैं। दरअसल इसमें यूएसबी माइक्रो बी तथा यूएसबी माइक्रो सी लगभग सभी टाइप के पोर्ट होते हैं। यह काफी डिजिटल उपकरणों को सपोर्ट करता है जिसकी वजह से आप लोगों द्वारा खरीदा जाता है। यहां तक कि कई लोग पर कंप्यूटर तथा स्मार्टफोन के साथ-साथ अन्य डिजिटल डिवाइस में भी कनेक्ट करते हैं। इसके स्टोरेज क्षमता भी काफी बढ़िया होती है और यह काफी महंगी क्वालिटी का होता है।

पेन ड्राइव के फायदे

  • यह आकार में बहुत छोटा होता है।
  • आकार में छोटा होने की वजह से इसे आसानी से कैरी किया जा सकता है।
  • इसके साथ ही इसके अंदर आसानी से आप 128GB तक का डाटा व इससे अधिक का डाटा स्टोर कर सकते हैं।
  • यह मल्टी पर्पस के लिए यूज किया जा सकता है।
  • इसमें आप आसानी से फोटो म्यूजिक या वीडियोस को स्टोर करके रख सकते हैं।

निष्कर्ष

इस तरह से इस आर्टिकल में हमने आपको बताया कि पेनड्राइव क्या है इसके साथ ही पेनड्राइव किस तरीके से कार्य करता है। वह भी हमने इस आर्टिकल में बताने की कोशिश की है इसके साथ-साथ हमने पेनड्राइव की कार्यप्रणाली को बहुत ही विस्तार पूर्वक बताया है।

वही हमने पेनड्राइव कुछ फायदा और विशेषताओं का भी वर्णन किया है। इसके बावजूद भी अगर पेनड्राइव से संबंधित आपकी कोई समस्या रहती है तो आप हमें फॉलो कर सकते हैं। आप हमें गूगल न्यूज़ या फिर न्यूज़लेटर के माध्यम से भी सब्सक्राइब कर सकते हैं।

संबंधित प्रश्न

हिंदी में पेन ड्राइव को क्या कहा जाता है?

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हिंदी में पेन ड्राइव को स्मृतिशलाका कहा जाता है।

Arun HindiSe Writer

ARUN KUMAR

अरुण कुमार hindise.in का कुशल और अनुभवी लेखक है। वह make money online, Tips & Tricks और biography जैसे विषयों पर लेख साझा करता है। उसने HindiSe समेत कई अन्य नामचीन हिंदी ब्लोगों के साथ काम किया है।

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