जब भी आप इंटरनेट पर कुछ चीज सर्च करते हैं तो आपको लगता है कि आपकी पहचान इंटरनेट पर आपका जीमेल अकाउंट या अन्य होगी। लेकिन आपको बता दें कि इंटरनेट पर आपकी पहचान सिर्फ और सिर्फ आपका आईपी एड्रेस है। आपका आईपी एड्रेस ही आपके इंटरनेट की पहचान होती है।
जब भी किसी व्यक्ति द्वारा इंटरनेट के बारे में कुछ सर्च किया जाता है तो उसका आईपी ऐड्रेस सबसे पहले ट्रैक किया जाता है। लेकिन आईपी एड्रेस होता क्या है और वह कैसे काम करता है। इसके बारे में हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे।
आईपी एड्रेस आपके घर के एड्रेस की ही तरह होता है लेकिन यह आपका इंटरनेट एड्रेस होता है। लेकिन IP एड्रेस क्या है और वह काम कैसे करता है या इस आर्टिकल में आपको बताने जा रहे है। इसके साथ ही अगर आप ip-address के प्रकार के बारे में जानना चाहते हैं तो वह भी हम इस आर्टिकल में बताएंगे।
अगर अभी भी ip-address से संबंधित आपको सभी जानकारी चाहिए तो आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें।
IP एड्रेस क्या है?
आईपी एड्रेस जिसे इंटरनेट प्रोटोकोल एड्रेस भी कहा जाता है लेकिन अधिकतर लोग इसे सिर्फ ip-address के नाम से ही जानते हैं।
आईपी एड्रेस का प्रयोग मुख्य रूप से इंटरनेट पर किसी व्यक्ति की पहचान जानने के लिए किया जाता है। जब भी कोई व्यक्ति इंटरनेट पर होता है तो वह अपनी डायरेक्ट पहचान नहीं बताता है। लेकिन अगर आप उसका आईपी ऐड्रेस चेक कर लेते हैं तो आप आसानी से उस व्यक्ति के बारे में जान सकते हैं।
हर एक डिवाइस का एक अलग आईपी एड्रेस होता है। उदाहरण के लिए अगर आपके पास 2 स्मार्टफोन है और आप दोनों स्मार्ट फोन से इंटरनेट पर कुछ खोजते हैं। तो दोनों का आईपी एड्रेस अलग होता है इसी तरीके से हर कंप्यूटर डिवाइस का आईपी ऐड्रेस हमेशा एक जैसा नहीं होता है।
आईपी एड्रेस का मुख्य काम 2 डिवाइसों को आपस में जोड़ कर एक दूसरे की पहचान करना है ।उदाहरण के लिए अगर आपके पास एक डिवाइस है और आप इंटरनेट पर सर्च करते हैं तो आपको वहां पर कई सारे रिजल्ट मिलते हैं। लेकिन गूगल आप को समझता कैसे है वह इसके लिए आईपी एड्रेस का प्रयोग करता है।
इसी के माध्यम से गूगल को पता चलता है कि अगर अलग-अलग आईपी ऐड्रेस से सर्च किए जा रहे हैं तो वह दो अलग-अलग यूजर हैं। हालांकि गूगल सिर्फ एक मशीन लर्निंग सिस्टम पर कार्य करता है। इसका अर्थ है कि अगर आप एक ही फोन से दो चीजों को सर्च करते हैं तो गूगल यह समझ लेता है कि यह एक ही व्यक्ति है।
IP एड्रेस काम कैसे करता है?
जैसा कि हमने आपको ऊपर आर्टिकल में बताया कि आई पी एड्रेस घर के एड्रेस की तरह होता है। लेकिन इंटरनेट पर आपका कोई पर्टिकुलर एड्रेस नहीं होता है। इंटरनेट पर आपका जो एड्रेस होता है वह आईपी एड्रेस से ही डिनोटिफाई किया जाता है।
इसका अर्थ यह है कि अगर आप किसी चीज को इंटरनेट के माध्यम से सर्च कर रहे हैं तो गूगल को यह नहीं पता है कि आप कौन हैं। इसके लिए गूगल सिर्फ आईपी ऐड्रेस को ट्रैक करता है आईपी एड्रेस के माध्यम से ही गूगल को पता चलता है कि आप कौन हैं।
अगर आप किसी दूसरे स्मार्टफोन से सर्च करते हैं तो गूगल को यह भी पता चल जाएगा कि यह कोई दूसरा यूजर है। क्योंकि आपने दूसरा आईपी एड्रेस का प्रयोग किया है। इस तरीके से आईपी एड्रेस काम करता है। आईपी एड्रेस मुख्य रूप से इंटरनेट पर आपका एक एड्रेस होता है। हालांकि कई ऐसे तरीके भी हैं जो कि आई पी एड्रेस को बदल सकते हैं।
इसका अर्थ है कि अगर आपके स्मार्टफोन का आईपी ऐड्रेस 12345678 है। लेकिन आप इस आईपी ऐड्रेस को चेंज करना चाहते हैं तो ऐसा संभव है ऐसी कई सारी एप्लीकेशन आती है जो कि आपके आईपी एड्रेस को 3456789 में बदल देगी। हालांकि आपका असली आईपी एड्रेस वही रहेगा लेकिन कुछ समय के लिए आप अपना अलग ip-address बना सकते हैं।
IP एड्रेस के प्रकार (Types Of IP Address In Hindi)
अब हमने आपको आर्टिकल में आई पी एड्रेस के बारे में तो समझा लिया है। इसके साथ ही अब हम ip-address के प्रकार के बारे में जान लेते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ip-address मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं जो कि नीचे दिए गए हैं।
1. Private IP Address
प्राइवेट आईपी एड्रेस में होता है जिसका प्रयोग मुख्य रूप से लोकल कनेक्शन को बनाने के लिए किया जाता है। यह राउटर के माध्यम से प्रयोग में आता है। प्राइवेट आईपी ऐड्रेस का अर्थ यह है कि आप इस आईपी ऐड्रेस के जरिए लोकल के सिवाय कहीं अन्य कनेक्ट नहीं कर सकते हैं।
इसके लिए आपको एक पब्लिक आईपी ऐड्रेस की जरूरत होती है। लेकिन प्राइवेट काम करने के लिए कुछ लोकल संस्था द्वारा जो आईपी ऐड्रेस प्रयोग किया जाता है उसे ही Private IP Address कहते हैं।
2. Public IP Address
दूसरे नंबर का जो आईपी एड्रेस होता है उसे पब्लिक आईपी एड्रेस कहते हैं। पब्लिक आईपी एड्रेस जो कि लगभग सभी के द्वारा प्रयोग किया जाता है। अगर अभी आप यह जानकारी इंटरनेट पर पढ़ रहे हैं तो आपने इसे इंटरनेट के माध्यम से सर्च किया होगा।
लेकिन आपके जो पहचान इंटरनेट पर है वह आपका आईपी एड्रेस है और इसे ही पब्लिक आईपी ऐड्रेस कहा जाता है। इसके माध्यम से आप world-wide कहीं भी सर्च कर सकते हैं।
3. Static IP Address
जैसा कि हमने ऊपर आर्टिकल में भी आपको बताया है कि आई पी एड्रेस को कुछ समय के लिए बदला जा सकता है। उसमें आप मैनुअल कुछ Changes कर सकते हैं। इसी तरीके से स्टैटिक आईपी ऐड्रेस होता है। स्टैटिक आईपी ऐड्रेस के माध्यम से आप आसानी से अपने आईपी एड्रेस को अलग तरीके से क्रिएट कर सकते हैं।
हालांकि इसके लिए आपको कुछ एप्लीकेशन की आवश्यकता होती है। स्टैटिक आईपी ऐड्रेस का प्रयोग करना वैसे लीगल तो नहीं है लेकिन कुछ कामों के लिए आप इसका प्रयोग कर सकते हैं।
4. Dynamic IP Address
डायनेमिक आईपी एड्रेस जैसा की इसके नाम से ही समझ जाते हैं कि यह एक बदलने वाला आईपी एड्रेस होता है। यह समय-समय पर बदलता रहता है और आप भी इस तरीके का आईपी एड्रेस क्रिएट कर सकते हैं। मार्केट में से कई सारी एप्लीकेशन है जो कि आपको डायनेमिक आईपी एड्रेस प्रोवाइड करती है।
इसका अर्थ यह है कि यह आईपी एड्रेस कुछ समय के लिए वर्क करता है। उसके बाद आपको फिर से एक नया एपिसोड खरीदना होगा।
निष्कर्ष
इस तरह से इस आर्टिकल में हमने आपको पता है कि आई पी एड्रेस क्या होता है। इसके साथ ही आईपी ऐड्रेस कैसे काम करता है उसके बारे में भी हमने आपको संक्षिप्त जानकारी प्रदान की है। इसके साथ ही आईपी एड्रेस कितने प्रकार का होता है तथा कैसे आप आईपी एड्रेस को बदलकर प्रयोग कर सकते हैं।
उसके बारे में भी चर्चा की गई है अगर अभी भी आईपी एड्रेस से संबंधित आपको कोई जानकारी चाहिए तो आप हमें कमेंट कर सकते हैं। इसके साथ ही ऐसे ही जानकारी के लिए हमें फॉलो जरूर करें।
संबंधित प्रश्न
मेरा आईपी एड्रेस कैसे पता करें?
अगर आपको अपना आईपी एड्रेस मालूम नहीं है तो आप आसानी से उसको पता कर सकते हैं। इसके लिए आपको गूगल पर जाना है और वहां पर व्हाट्स माय आईपी लिखकर सर्च कर देना है। इसके बाद आसानी से आपको आपका आईपी ऐड्रेस दिख जाएगा।