आज के समय में डाटा कितना ज्यादा इंपोर्टेंट होता है वह तो आप जानते ही होंगे लेकिन हम अपने डेटा का प्रयोग तभी कर पाते हैं जब हम उसको इंटरनेट कनेक्शन की सहायता से ऑन करते हैं। लेकिन जैसे ही हम अपना इंटरनेट कनेक्शन ऑन कर लेते हैं। उसके बाद हम डिजिटल युग से कनेक्ट हो जाते हैं इसका अर्थ है कि हमारा जितना भी डाटा ऑनलाइन मौजूद है।
वह ऑनलाइन किसी के द्वारा एक्सेस किया जा सकता है। आज के समय में किसी भी व्यक्ति का डाटा ऑनलाइन तरीके से एक्सेस करना काफी ज्यादा आसान हो गया है। क्योंकि आज के समय में आपका इंटरनेट डाटा चुराने की संभावना काफी ज्यादा बढ़ गई है। अब कई सारे लोग यह कर ऐसे हैं जो कि आपके इंटरनेट डाटा को आसानी से एक्सेस करके उसे चुरा सकते हैं। इसी के लिए TPIN बनाया गया है।
अगर आप भी टीपीआईएन क्या होता है इसके बारे में जानने के लिए इस आर्टिकल पर आए हैं तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि टीपीआईएन क्या होता है इसके साथ ही टीपीआईएन कैसे बनाया जाता है। वह भी हम आपको बताने वाले हैं वही टीपीआईएन के बारे में हम विस्तार पूर्वक चर्चा करने वाले हैं।
कैसे टीपीआईएन आप को सुरक्षित रख सकता है या यह आपके लिए हानिकारक है वह भी हम संक्षिप्त में चर्चा करने वाले हैं। ऐसे ही पूरी जानकारी जाने के लिए आपको नीचे दिया का आर्टिकल पढ़ना पड़ेगा।
TPIN क्या होता है?
टी पी आई एन जी से टेलीफोन पर्सनल आईडेंटिफिकेशन नंबर के नाम से भी जाना जाता है। इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से किसी भी ग्राहक की आइडेंटिटी का पता करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जब भी आप कोई पर्सनल टेलीफोन से संबंधित जानकारी कहीं पर देते हैं तो उसका सारा ब्यौरा टीपीआईएन के पास होता है।
अर्थात आपके एड्रेस तथा आप से संबंधित सभी जानकारी टीपीआईएन के माध्यम से ही एक्सेस की जाती है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि टीपीआईएन को एक्सेस करने का जिम्मा सिर्फ और सिर्फ सेंट्रल डिपॉजिट सर्विस लिमिटेड के द्वारा ही किया जा सकता है। जो की आवश्यकता पड़ने पर आपका टीपीआईएन की सहायता से एड्रेस निकाल सकती है तथा उसको एडिट वह मॉडिफाई भी कर सकती है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जब कोई ग्राहक किसी डीमेट अकाउंट को एक्सेप्ट करता है तो वह PIN मुख्य रूप से छह अंको का होता है। इसी पिन के इस्तेमाल से बाहर लॉगिन तथा अन्य चीजों को शेयर कर सकता है। हालांकि जब टीपीआईएन मौजूद नहीं था।
तब उससे पहले पावर ऑफ अटॉर्नी का इस्तेमाल किया जाता था। लेकिन टीपीआईएन के इस्तेमाल से अब उसका प्रयोग मुख्य रूप से कम हो चुका है।
अगर आप टीपीआईएन को आसान शब्दों में सफलता चाहते हैं तो उदाहरण के लिए जब आप कोई भी पेमेंट गूगल के माध्यम से या किसी भी अन्य ऑनलाइन सर्विस के माध्यम से करते हैं। तब आपको एक एमपिन की आवश्यकता होती है इसी एमपिन के माध्यम से ही आप पेमेंट कर सकते हैं।
अगर किसी के पास यह एमपी नहीं है तो वह पेमेंट नहीं कर सकता है। इसी वजह से जब कोई व्यक्ति ट्रेडिंग करता है तो उसको टीपीआईएन का इस्तेमाल करना पड़ता है यही ट्रेड में एक एमपिन की तरह कार्य करता है।
TPIN कैसे बनाया जाता है (Step By Step)
अगर आप नया टीपीआईएन बनाना चाहते हैं तो उसके नीचे दिए गए स्टेप्स आपको फॉलो करने होंगे।
Step 1: सबसे पहले आपको टीपीआईएन की ऑफिशियल वेबसाइट पर चले जाना है। https://edis.cdslindia.com/home/generatepin
Step 2: अब आपको BO ID तथा अपना पैन कार्ड नंबर यहां पर डाल लेना है। अगर आप का पैन नंबर वेरीफाई नहीं होता है तो आप आधार कार्ड का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
Step 3: अब आप जैसे ही नेक्स्ट पर क्लिक करोगे उसके बाद आपके पास एक ओटीपी प्राप्त होगा। उस ओटीपी के सहायता से ही आप आगे की प्रोसेस संपूर्ण कर सकते हो।
Step 4: अब लगभग आधे घंटे के अंदर अंदर आपको एक टीपीआईएन यानी कि 6 अंकों का एक नंबर प्राप्त होगा और इसका इस्तेमाल अब आप आसानी से कर सकते हैं।
निष्कर्ष
इस तरह से इस आर्टिकल में हमने आपको टीपीआईएन से संबंधित सभी जानकारी प्रोवाइड करवाई है। हमने आपको बताया है कि टीपीएन क्या होता है हमने टीपीआईएन के बारे में संक्षिप्त रूप में चर्चा की है। ताकि आपको आसानी से समझ आ जाए इसके साथ ही टीपीआईएन कैसे बनाया जाता है और यह कैसे कार्य करता है।
उस पर भी हमने विस्तार पूर्वक आर्टिकल में चर्चा की है अगर आपको टीपीआईएन से संबंधित कोई भी जानकारी चाहिए तो आप हमें फॉलो कर सकते हैं। इसके साथ ही ऐसे ही जानकारी के लिए आप हमें न्यूज़लेटर के माध्यम से भी सब्सक्राइब कर सकते हैं।
संबंधित प्रश्न
TPIN का पूरा नाम क्या है?
टीपीआईएन को टेलीफोन पर्सनल आईडेंटिफिकेशन नंबर कहा जाता है। इसके साथ ही यह कस्टमर की आईडेंटिटी वेरीफिकेशन में काफी ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।