आज के समय में जब से इंटरनेट काफी ज्यादा विकसित हुआ तब से कई कई नए शब्द आपको सुनने को मिले होंगे। हाल ही में एक शब्द टैलेंट काफी ज्यादा वायरल हो रहा है। इसके बारे में लोग काफी ज्यादा समझना चाहते हैं परंतु इंटरनेट पर इससे संबंधित जानकारी काफी कम मात्रा में उपलब्ध है।
इसके साथ ही जो जानकारी उपलब्ध है वह काफी कम शब्दों में बताई गई है। जिससे इस को समझने में काफी ज्यादा परेशानी आती है। परंतु इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले हैं कि Telnet क्या है तथा इसके फायदे और नुकसान क्या है।
हालांकि आपको टेलनेट इंटरनेट जैसा ही एक शब्द लग रहा होगा और इसका कार्य भी कुछ उसी तरीके से हैं। हालांकि Telnet और Internet काफी अलग है और यह दोनों एक दूसरे से काफी ज्यादा सामान भी है। इस आर्टिकल में हम आपको टेलनेट से संबंधित सभी जानकारी बताने वाले हैं तो आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें।
हम आपको बताएंगे कि टेलनेट क्या है और इसके फायदे क्या है इसके साथ ही यह कार्य कैसे करता है और किस कार्य प्रणाली पर आधारित है। इस आर्टिकल में आपको Telnet से संबंधित सभी जानकारी प्रोवाइड करवाई जाएगी तो आप आर्टिकल को कंप्लीट जरूर पढ़ें।
Telnet क्या है?
Telnet एक टेलीकम्युनिकेशन नेटवर्क होता है जोकि Network प्रोटोकॉल तथा सॉफ्टवेयर से मिलकर बना एक प्रोग्राम होता है। इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से कंप्यूटर को नेटवर्क प्रोवाइड करने के लिए किया जाता है। इसके साथ ही इसका इस्तेमाल आज के समय में टर्मिनल को नेटवर्क तथा TCP के माध्यम से एक्सेस करने के लिए किया जाता है।
Telnet का मुख्य उद्देश्य एक कंप्यूटर यूजर को किसी दूसरे कंप्यूटर के साथ अनुमति के साथ कनेक्ट करने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इसके लिए एक कंप्यूटर नेटवर्क के साथ जरूरी जुड़ा होना चाहिए। इसका प्रमुख रूप से इंटरनेट या लोकल एरिया नेटवर्क के लिए किया जाता है। अगर आप उदाहरण सहित Telnet के बारे में समझना चाहते हैं तो कुछ इस तरीके से समझ सकते हैं।
मान लीजिए कि आप किसी दूसरे कंप्यूटर को रीमोटली एक्सेस करना चाहते हैं इसलिए उसे लोकल कंप्यूटर कहते हैं। इसके बाद जो दूसरा कंप्यूटर होता है उसके द्वारा कनेक्शन की रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट किया जाता है और इस तरीके से एक कंप्यूटर के माध्यम से दूसरे कंप्यूटर को रीमोटली एक्सेस किया जाता है। लेकिन आपको ध्यान रखना है कि इसकी वजह से कनेक्टेड कंप्यूटर में सिर्फ टेक्स्ट से संबंधित कन्वर्सेशन होती है।
इसका अर्थ यह होता है कि आप इसके जरिए ना ही किसी को कोई फाइल भेज सकते हैं और ना ही वह व्यक्ति आपको फाइल भेज सकता है। लेकिन अगर उन्हें एक सर्वर के साथ कनेक्ट किया जाए तो आप इससे दूसरे देश के व्यक्ति के साथ भी बातचीत कर सकते हैं।
लेकिन इसमें कंप्यूटर को दूसरे कंप्यूटर के साथ कनेक्ट करने के लिए एक वैलिड पासवर्ड की जरूरत पड़ती है। इसके लिए आपको पहले कंप्यूटर में की यूज़र नेम तथा पासवर्ड क्रिएट करना होगा। आज के समय में यह रीमोटली वेब सर्विस को कंट्रोल करने का एक तरीका है।
Telnet के फायदे
- यह Network डिवाइस को Configure करता है।
- इसकी सहायता से आप Online Community के साथ संबंध बना सकते हैं।
- इसकी सहायता से Database को एक्सेस किया जा सकता है।
- इसकी सहायता से कंप्यूटर को रिमॉटली एक्सेस किया जा सकता है।
- टेलनेट का प्रयोग पूरे विश्व भर में किया जाता है।
- यह लगभग हर ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए बनाया गया है।
- Telnet के माध्यम से कनेक्टिविटी काफी ज्यादा आसान होती है।
Telnet के नुकसान
- सिक्योरिटी के हिसाब से यह ज्यादा सुरक्षित नहीं है।
- इसमें शेयर किया गया डाटा अनक्रिप्टेड होता है।
- यह आसानी से किसी भी हैकर्स के द्वारा एक्सेस किया जा सकता है।
- इसके Connection लिए काफी बढ़िया सर्वर की आवश्यकता होती है।
निष्कर्ष
इस तरह से इस आर्टिकल में हमने आपको बताया कि टेलनेट क्या है और Telnet के कितने फायदे हैं। लेकिन Telnet वैसे तो काफी ज्यादा पॉपुलर है परंतु इसके साथ ही इसके काफी नुकसान भी है। इसके नुकसान इतने खतरनाक है कि हर कोई सामान्य व्यक्ति इसका प्रयोग करने से बचता है। इस आर्टिकल में हमने इसके नुकसान और फायदे दोनों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया है।
इसके बावजूद भी अगर टेलनेट से संबंधित आपको कोई समस्या आती है तो आप हमें कमेंट जरूर करें। वही ऐसे ही जानकारी के लिए आप हमें फॉलो कर सकते हैं। आप हमें गूगल न्यूज़ या फिर न्यूज़लेटर के माध्यम से भी सब्सक्राइब कर सकते हैं।
संबंधित प्रश्न
Telnet का आविष्कार कब हुआ?
एक रिपोर्ट के अनुसार टेलनेट का आविष्कार 1960 के दशक में हुआ था।